कल का दिन किसने देखा है,
आज का दिन भी खोये क्यों,
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं,
उन घड़ियों में फिर रोये क्यों।
आज का दिन भी खोये क्यों,
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं,
उन घड़ियों में फिर रोये क्यों।
कल का दिन किसने देखा है,
आज का दिन भी खोये क्यों,
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं,
उन घड़ियों में फिर रोये क्यों।