जिवन भर तिम्रो हुन सकिन।
क्षितिज पारी भयैा छुन सकिन।।
कुरा हुन्थे दुःख सुखका धेरै
अँगालोमा बाधि रुन सकिन।।
क्षितिज पारी भयैा छुन सकिन।।
कुरा हुन्थे दुःख सुखका धेरै
अँगालोमा बाधि रुन सकिन।।
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