• वाह रे भगवान, तेरी माया भी कमाल है; पंजाब में 88 साल का व्यक्ति अचानक करोड़पति हुआ, 5 करोड़ की लॉटरी लगी, चंडीगढ़ के नजदीक से ली थी

    #punjabnews #lottery #arthparkash #latestnews
    कहते हैं कि, भगवान जब किसी इंसान को दुनिया में भेजता है तो उसकी किस्मत पहले ही लिख देता है। इंसान की जिंदगी में उसकी किस्मत कदम-कदम पर अपना अहम रोल अदा करती है। यही किस्मत कभी इंसान की स्थिति बिगाड़ देती है तो कभी यही किस्मत कुछ ऐसा भी कमाल करती है कि जिसकी इंसान ने उम्मीद तक नहीं की होती। पंजाब में 88 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ ऐसा ही कुछ हुआ है।Read more news visit; https://www.arthparkash.com/punjab-88-years-man-win-5-crore-lottery
    वाह रे भगवान, तेरी माया भी कमाल है; पंजाब में 88 साल का व्यक्ति अचानक करोड़पति हुआ, 5 करोड़ की लॉटरी लगी, चंडीगढ़ के नजदीक से ली थी #punjabnews #lottery #arthparkash #latestnews कहते हैं कि, भगवान जब किसी इंसान को दुनिया में भेजता है तो उसकी किस्मत पहले ही लिख देता है। इंसान की जिंदगी में उसकी किस्मत कदम-कदम पर अपना अहम रोल अदा करती है। यही किस्मत कभी इंसान की स्थिति बिगाड़ देती है तो कभी यही किस्मत कुछ ऐसा भी कमाल करती है कि जिसकी इंसान ने उम्मीद तक नहीं की होती। पंजाब में 88 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ ऐसा ही कुछ हुआ है।Read more news visit; https://www.arthparkash.com/punjab-88-years-man-win-5-crore-lottery
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  • *मकर सक्रांति*

    *प्रजापिता ब्रह्मा* के द्वारा सुप्रीम सोल *शिव* ने जो क्लेरिफिकेशन दिया है उसके अनुसार-- मकरसंक्रांति के बाद शिवरात्रि का त्यौहार आता है।अर्थात *शिव की प्रत्यक्षता अज्ञान अंधकार की रात्रि* में होती है।

    *मकर संक्रांति का अर्थ* इस प्रकार दिया---
    *मकर का अर्थ है*--म "कार"। उसी को *"मक्कार"* भी कहते है।
    *ॐ* का अंतिम अक्षर *"म"* है। *मकर* का एक अर्थ हैं-- *मगर या बड़ा मछला* भी है जो पानी मे रहकर *मक्कारी* करता है।

    *सं का अर्थ है*---सम्पूर्ण रूप से।

    *अन्ति का अर्थ है*-- अंत होना।

    *मक्कार पने का सम्पूर्ण अंत होना ही मकर संक्रांति कहलाता है।*
    *संक्रांति* के बाद देवताओं का युग शुरू होता है। *सूर्य उत्तरायण हो जाता है।उत्तरायण अर्थात देवताओं का युग।* दक्षिण दिशा राक्षसों की मानी गई है।दक्षिण यानी वामपंथी।राक्षस हमेशा वामपंथी होते है।

    *शंकर इस दुनियाँ का सबसे पावरफुल पार्ट है।* उसमे जब कलयुग के अंत मे *सुप्रीम सोल शिव* प्रवेश करता है तो 100% पावर ग्रहण कर लेता है। *ज्ञानसागर के मंथन से जो गीता ज्ञानामृत निकलता है उसे देवता पीकर अमर बनते है।और जो विषयविकारी हलाहल विष निकलता है।उस विष को शिवशंकर भोलेनाथ धारण करते है।* अपवित्रता से विनाश होता है।वह उस पावर के बल पर विनाश के निमित्त बन जाता है।विनाश करवा देता है।

    अंततः मक्कारी छोड़ कर वह सुधर जाता है। प्रजापिता ब्रह्मा के मुख से भगवान कहते हैं- *"एक के सुधरने से सब सुधर जाते हैं।" सृष्टि का बीज सुधरने से सृष्टि रूपी वृक्ष भी सुधर जाता है।*

    *प्रजापिता ब्रह्मा* के मुख से मुरली निकली-----
    *"एक के पतित बनने से सब पतित बन जाते है।एक के पावन बनने से सब पावन बन जाते है।"*

    *भगवान की प्रत्यक्षता होने वाली है।सूर्य निकलने वाला है।ज्ञानसूर्य के निकलने के पहले जो अमृत ग्रहण करेंगे वे ही श्रेष्ठ देवी देवता बनेंगे।*

    (आईये आप भी उस *मक्कार* को पहचानिये जो *मनुष्यों का पिता "शंकर"* है।वही मुसलमानों का *आदम* हैं।वही क्रिश्चियन का *एडम* हैं।हिंदुओं का *आदिदेव* हैं।जैनियों का *आदिनाथ* हैं।)
    *🟣मकर सक्रांति🟣* *प्रजापिता ब्रह्मा* के द्वारा सुप्रीम सोल *शिव* ने जो क्लेरिफिकेशन दिया है उसके अनुसार-- मकरसंक्रांति के बाद शिवरात्रि का त्यौहार आता है।अर्थात *शिव की प्रत्यक्षता अज्ञान अंधकार की रात्रि* में होती है। *✴️मकर संक्रांति का अर्थ* इस प्रकार दिया--- *मकर का अर्थ है*--म "कार"। उसी को *"मक्कार"* भी कहते है। *ॐ* का अंतिम अक्षर *"म"* है। *मकर* का एक अर्थ हैं-- *मगर या बड़ा मछला* भी है जो पानी मे रहकर *मक्कारी* करता है। *✴️सं का अर्थ है*---सम्पूर्ण रूप से। *✴️अन्ति का अर्थ है*-- अंत होना। *🔔➡️मक्कार पने का सम्पूर्ण अंत होना ही मकर संक्रांति कहलाता है।* *संक्रांति* के बाद देवताओं का युग शुरू होता है। *सूर्य उत्तरायण हो जाता है।उत्तरायण अर्थात देवताओं का युग।* दक्षिण दिशा राक्षसों की मानी गई है।दक्षिण यानी वामपंथी।राक्षस हमेशा वामपंथी होते है। *🚩🔱शंकर इस दुनियाँ का सबसे पावरफुल पार्ट है।* उसमे जब कलयुग के अंत मे *सुप्रीम सोल शिव* प्रवेश करता है तो 100% पावर ग्रहण कर लेता है। *ज्ञानसागर के मंथन से जो गीता ज्ञानामृत निकलता है उसे देवता पीकर अमर बनते है।और जो विषयविकारी हलाहल विष निकलता है।उस विष को शिवशंकर भोलेनाथ धारण करते है।* अपवित्रता से विनाश होता है।वह उस पावर के बल पर विनाश के निमित्त बन जाता है।विनाश करवा देता है। अंततः मक्कारी छोड़ कर वह सुधर जाता है। प्रजापिता ब्रह्मा के मुख से भगवान कहते हैं- *"एक के सुधरने से सब सुधर जाते हैं।" सृष्टि का बीज सुधरने से सृष्टि रूपी वृक्ष भी सुधर जाता है।* *प्रजापिता ब्रह्मा* के मुख से मुरली निकली----- *"एक के पतित बनने से सब पतित बन जाते है।एक के पावन बनने से सब पावन बन जाते है।"* *भगवान की प्रत्यक्षता होने वाली है।सूर्य निकलने वाला है।ज्ञानसूर्य के निकलने के पहले जो अमृत ग्रहण करेंगे वे ही श्रेष्ठ देवी देवता बनेंगे।* (आईये आप भी उस *मक्कार* को पहचानिये जो *मनुष्यों का पिता "शंकर"* है।वही मुसलमानों का *आदम* हैं।वही क्रिश्चियन का *एडम* हैं।हिंदुओं का *आदिदेव* हैं।जैनियों का *आदिनाथ* हैं।)
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  • आज के दिन के महत्व को सदा खाने और खिलाने का महत्व बना दिया है। कुछ खाते हैं, कुछ खिलाते हैं। वह तिल दान करते हैं या खाते हैं। तिल अर्थात् बहुत छोटी-सी बिन्दी, कोई भी बात होती है - छोटी-सी होती है, तो कहते हैं यह तिल के समान है ... और बड़ी होती है तो पहाड़ के समान कहा जाता है। तो पहाड़ और तिल बहुत फर्क हो जाता है ना। तो *तिल का महत्व इसलिए है क्योंकि अति सूक्ष्म बिन्दी बनते हो। जब बिन्दी रूप बनते हो तभी उड़ती कला के पतंग बनते हो।* तो तिल का भी महत्व है, और तिल सदा मिठास से संगठन रूप में लाते हैं, ऐसे ही तिल नहीं खाते हैं।

    AV--13.01.1986
    आज के दिन के महत्व को सदा खाने और खिलाने का महत्व बना दिया है। कुछ खाते हैं, कुछ खिलाते हैं। वह तिल दान करते हैं या खाते हैं। तिल अर्थात् बहुत छोटी-सी बिन्दी, कोई भी बात होती है - छोटी-सी होती है, तो कहते हैं यह तिल के समान है ... और बड़ी होती है तो पहाड़ के समान कहा जाता है। तो पहाड़ और तिल बहुत फर्क हो जाता है ना। तो *तिल का महत्व इसलिए है क्योंकि अति सूक्ष्म बिन्दी बनते हो। जब बिन्दी रूप बनते हो तभी उड़ती कला के पतंग बनते हो।* तो तिल का भी महत्व है, और तिल सदा मिठास से संगठन रूप में लाते हैं, ऐसे ही तिल नहीं खाते हैं। AV--13.01.1986
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  • बड़े से बड़ा मकड़जाल है- वेदव्यास। उसकी यादगार में मकर संक्रांति भी मनाते हैं। सब धूता धूतियों का बाप है-- शंकर*

    *वेद शास्त्र कहां से निकले?कोई तो आत्मा होगी जहां से वेद शास्त्र निकले। वेदव्यास, वि- विशेष, आस- बैठ गया भक्ति करने के लिए। वेद शास्त्र बनाने के लिए बैठ गया।*
    *शिव बाबा कहते-- बच्चे मकड़ी होती है न, वो सारा जाला फैलाती है, फिर सारा जाला अपने आप हप कर देती है। मकड़जाल है मकड़जाल। तो कौन हुआ??*
    *उसकी यादगार में एक दिवस भी मनाया जाता है-- मकर संक्रांति। मक्कार शंकर की अंति। बाबा ने भी मुरली में बोला सबसे बड़े से बड़ा धूता है-- शंकर।*
    *धूता कौन?? इधर की बातें उठाकर उधर बोल दिया, उधर की बातें उठाकर इधर बोल दिया, उसे कहते हैं- धूता-धूति। तो बड़े से बड़ा धूता धूती कौन?? सब धुतियों का बाप-- शंकर जिसका नाम शिव के साथ जुड़ा रहता है हमेशा।*
    *शंकर माना मिक्स। शिव बाप की बातें उठा कर अपने बच्चे को दे देता है, और ब्रह्मा के अंदर जो दुनिया भर की भक्ति मार्ग की बातें भरी पड़ी है, वह सब बातें बाबा को बताता है ,कि बाबा इस बात का मतलब क्या है? क्योंकि शिवबाबा तो सब जानते हैं। ज्ञान की बातें भी जानते हैं और दुनिया भी भक्ति के मार्ग की बातें भी जानते हैं। तो बड़े से बड़ा धूता हुआ ना?*
    *उसमें कुछ तंत होता है? कोई तंत नहीं, उनको कहते हैं-- बाल बालों में खून नहीं होता है। मुड़ा डालो इन बालों को।*
    14-1-19(52 मि)
    बड़े से बड़ा मकड़जाल है- वेदव्यास। उसकी यादगार में मकर संक्रांति भी मनाते हैं। सब धूता धूतियों का बाप है-- शंकर* *वेद शास्त्र कहां से निकले?कोई तो आत्मा होगी जहां से वेद शास्त्र निकले। वेदव्यास, वि- विशेष, आस- बैठ गया भक्ति करने के लिए। वेद शास्त्र बनाने के लिए बैठ गया।* *शिव बाबा कहते-- बच्चे मकड़ी होती है न, वो सारा जाला फैलाती है, फिर सारा जाला अपने आप हप कर देती है। मकड़जाल है मकड़जाल। तो कौन हुआ??* *उसकी यादगार में एक दिवस भी मनाया जाता है-- मकर संक्रांति। मक्कार शंकर की अंति। बाबा ने भी मुरली में बोला सबसे बड़े से बड़ा धूता है-- शंकर।* *धूता कौन?? इधर की बातें उठाकर उधर बोल दिया, उधर की बातें उठाकर इधर बोल दिया, उसे कहते हैं- धूता-धूति। तो बड़े से बड़ा धूता धूती कौन?? सब धुतियों का बाप-- शंकर जिसका नाम शिव के साथ जुड़ा रहता है हमेशा।* *शंकर माना मिक्स। शिव बाप की बातें उठा कर अपने बच्चे को दे देता है, और ब्रह्मा के अंदर जो दुनिया भर की भक्ति मार्ग की बातें भरी पड़ी है, वह सब बातें बाबा को बताता है ,कि बाबा इस बात का मतलब क्या है? क्योंकि शिवबाबा तो सब जानते हैं। ज्ञान की बातें भी जानते हैं और दुनिया भी भक्ति के मार्ग की बातें भी जानते हैं। तो बड़े से बड़ा धूता हुआ ना?* *उसमें कुछ तंत होता है? कोई तंत नहीं, उनको कहते हैं-- बाल बालों में खून नहीं होता है। मुड़ा डालो इन बालों को।* 14-1-19(52 मि)
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  • उम्र #गुज़र गई पर कोई #तुम
    सा #नहीं मिला.!!
    लोग यूँ ही #कहते है की #खोजने
    से #खुदा #मिलता है.!!
    उम्र #गुज़र गई पर कोई #तुम सा #नहीं मिला.!!💝💝💝 लोग यूँ ही #कहते है की #खोजने से #खुदा #मिलता है.!!
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  • कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है....दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़, वही काफ़ी है..!!
    कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है....दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़, वही काफ़ी है..!!
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  • ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत है, सब कहते थे, जिस दिन तुझे देखा, यकीन भी हो गया!
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  • ✪⇶ कौन कहता है की ➪ वक्त बहोत तेज 🏃🏻 है ��

    कभी ➣ किसीका इंतजार तो करके देखो..
    ✪⇶ कौन 😒 कहता है की ➪ वक्त ⏰ बहोत तेज 🏃🏻 है �� कभी ➣ किसीका 👰 इंतजार तो करके 😌 देखो..
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  • कुछ लाेग चाहकर
    भी नही पडना चाहते..हमारी मुहब्बत मे.
    कहते हैं तुम दिल में नही रूह मे समा जाते हो.
    कुछ लाेग चाहकर भी नही पडना चाहते..हमारी मुहब्बत मे. कहते हैं तुम दिल में नही रूह मे समा जाते हो.
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  • वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी .... फिर क्यों उसे "चाँद" और मुझे "आवारा" कहते हैं लोग ... ?
    वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी .... फिर क्यों उसे "चाँद" और मुझे "आवारा" कहते हैं लोग ... ?
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